Deepika mishra

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लेखनी प्रतियोगिता -11-Mar-2022

#प्रतियोगिता

शीर्षक-नारी/विरांगना

नारी हूँ इसलिये अपने कर्तव्यों को जानती हूँ
घर हो या बाहर हर कार्य मे पारंगत हूँ
हर कार्य को वक़्त के साथ करती हूँ
समय के महत्व को बखूबी पहचानती हूँ
कभी बेटी, कभी बहन
कभी बहु, कभी सास 
कभी माँ ,कभी पत्नी
कभी ननद,कभी किसी की दोस्त
हर रिश्ते को खूबसूरती से निभाती हुँ
किसी से किसी तरह की उमीद नही रखती हूं
बाद थोड़ा सा सम्मान नजरों में चाहती हु

अपना दुःख भूल औरो के सुख में हँसती हूँ
अपने आंसुओ को छुपा कर दिल से मुस्कुराती हूं
हर पल दुसरो की खुशी में खुशी ढुढती हु
क्या सिर्फ इतना सब के लिए बस एक दिन?

आज जब सारा जहा नारी दिवस माना रहा हैं
नारियो को सम्मानों से नवाजा जा रहा है
ये सिर्फ बस एक दिन के लिए ही होता है

फिर शुरू हो गा गर्भ में बेटियों की हत्या
दहेज के लिए बहुयो को जलाना
स्कूल कॉलेज में लड़कियों को छेड़ना
उनकी इज्जतो से खेलना
क्या कभी रुक पायेगा ये

मत दीजिये ये एक दिन के झूठे सम्मान
देना है तो आखो में इज्जत दीजिये
दिलो में स्नेह दीजिये
आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा दीजिये
बहु को बेटी का सम्मान दीजिये
अपने घर की लक्ष्मी खिताब दीजिये
अपने दिलो में नारी के प्रति आदर रखिये

यही होगा हर नारी के लिए नारी दिवस का सम्मान
उनके दयारा किये गए कामो का फल
नारी ही नारी का मान कर तो 
गरिमा और बढ़ जाएगी 
नारी की जिंदगी खुशियो से खिल जाएगी

नारी दिवस की शुभकामनाएं

स्वरचित
दीपिका मिश्रा

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9 Comments

Shrishti pandey

12-Mar-2022 04:04 PM

Nice

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Punam verma

12-Mar-2022 08:01 AM

Nice

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Abhinav ji

11-Mar-2022 11:31 PM

Nice

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